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कहने को भले ही भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गई हो मगर करोड़ो की सदस्यता वाली यह पार्टी अपने ही नेताओं को साथ लेकर नहीं चल पा रही है. इसका नवीनतम उदाहरण उसकी महाराष्ट्र की नेता पंकजा मुंडे है जिन्होंने खुलकर पार्टी नेतृत्व के खिलाफ अपना अभियान छेड़ते हुए अपने ट्विटर से भाजपा का कमल हटा दिया है. हमारे एक साथी ने कहा तो तुरंत दूसरा साथी बोला , और कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में क्या राय है? उन्होंने भी तो अपने परिचय से कांग्रेस संबंधित सभी बातें हटा ली हैं. अब तीसरा साथी बोला , अब राजनीति में नैतिकता और पार्टी के प्रति निष्ठा का मतलब खत्म हो चुका है . कोई भी राजनेता सत्ता के लिये किसी भी पार्टी का दामन थाम लेता है . उसी तरह हर राजनैतिक पार्टी थोड़े से भी जनाधार वाले विपक्षी को अपनी पार्टी में लाने के लिये डोरे डालती है . अब मैं भी बोल पड़ा , लगभग इसी तरह की बात दुर्ग नगर निगम के वार्डा 60 कातुलबोड में दिखाई दे रही है . एक समय भाजपा की महाबली नेत्री सरोज पाण्डेय की राइट हैंड माने जानी वाली जयश्री जोशी को पिछले चुनाव में जब भाजपा ने महापौर का टिकिट नहीं दिया तो वे निर्दलीय लड़कर अपनी फजीती करवा चुकी थीं . लेकिन उसके बाद इस बार ना जाने क्यों , दुर्ग निगम में कांग्रेस की कमान संभाले विधायक अरुण वोरा को क्या सूझी कि उस जुझारू महिला को अपनी पार्टी में शामिल कर टिकिट दे दी . वे अपने जन समर्थन के कारण शायद चुनाव जीत भी जायें. अब पत्रकार माधो बोले , वे जीतें या हारें इससे विधायक वोरा को की फकऱ् नहीं पड़ता है बल्कि इस वक़्त वे हर उस तरह की चाल चल रहे हैं जिससे उनके व सरोज पाण्डेय के बीच किसी भी प्रकार की अंडर हैंड डीलिंग ना दिखे. जैसे कि पिछले चारों महापौर के चुनावों में दिखी थीं यानि आप विधायक पद के लिये हमें सपोर्ट करें , हम महापौर आपका जितवायेंगे. लेकिन इस बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ,खुद दुर्ग नगर निगम के चुनाव में नजऱें गड़ाये बैठे हैं. उन्हें यदि किसी भी प्रकार के अंदरूनी खेल का जऱा सा भी अहसास हुआ तो वोरा को मिल सकने वाली किसी निगम की लाल बत्ती वाली गाड़ी , वोरा के लिये मंत्री पद की तरह एक सपना बनकर रह जायेगी.
मधुर चितलांग्या, संपादक, पूरब टाइम्स, भिलाई
आज एक साथी ने बातचीत की शुरुआत करते हुए कहा कि कोई कहता है कि मोदीजी ने उतना कर दिया है जितना पिछली 70 साल की सरकारों ने नहीं किया था . लेकिन अब दिल्ली के लोग कहने लगे हैं कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने इतने बदलाव को मूर्त किये हैं जितना पिछली कोई सरकार नहीं कर पाईं . कोई कहने लगा है कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति के बचाव में भूपेश बघेल सरकार इतना कर रही है जितना कोई आम आदमी सोच भी नहीं सकता था . लेकिन केवल तारीफ से कुछ नहीं होगा , आप लोग बतलाइये कि अब बदलाव की क्या क्या हसरतें बाक़ी हैं ? इससे पहले हममें से कोई मुंह खोल पाता पत्रकार माधो धारा प्रवाह में बोल पड़े . सचमुच कुछ हसरते बाकी है - राम मंदिर , पीओके पर कब्जा , जनसँख्या नियंत्रण पर हम दो हमारा एक कानून , समान नागरिक संहिता , भ्रष्टाचार पर कड़ा कानून , अवैध बंगलादेशियो की वापसी , किसी भी घटना ,चुनावो , मीडिया में जाति ,धर्म के नाम से कुछ भी लिखना बोलना बैन , जाति मुक्त आरक्षण या आरक्षण मुक्त भारत या केवल ज़रूरत के आधार पर आरक्षण, शासकीय कार्यो में जिम्मेदारी का निर्धारण और समय सीमा का निर्धारण, सार्वजनिक जगहों पर गंदगी फैलाने पर और सार्वजनिक सम्पत्ति के नुकसान करने पर कड़ा जुर्माना , अपराध दर्ज , आर्थिक घोटाले , सरकारी जमीनों पर कब्जे पर आपराधिक प्रकरण दर्ज , सरकारी जमीनों , रेलवे स्टेशन ,बस स्टैंडों पर ,फुटपाथ पर बगैर अनुमति के बनते मन्दिर , दरगाह , मस्जिदों , चर्चो , धर्मस्थलो पर बुलडोजर ,धर्मस्थलो की सम्पत्तियो को एक सीमा के बाद देश हित में उपयोग करने का कानून , धर्म स्थलों से राजनीति , भड़काऊ भाषणो फतवो पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हो ! शिक्षा ,स्वास्थ्य और निराश्रित , दिव्यांगों ,बुजुर्गों ,बच्चो पर योजनाओं को छोड़कर बाकी सभी मुफ्तखोरी योजनाओ खासकर निर्धन विवाह , प्रसूति भत्ता , तीर्थ यात्रा ,हज सब्सिडी , मुफ्त यात्रा , मुफ्त राशन , मोबाईल बंद ! और पान , गुटखा , कत्था पर बैन ! यह सब सुनकर हम सब बोलने की जगह तालियां बजाने लगे.
- परिकल्पना, साभार
कल्पेश पटेल, रायगढ़ की पोस्ट से
#नगर निगम , दुर्ग के चुनाव अब सिर पर आ रहे हैं । #प्रदेश सरकार ने इस बार चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय ले लिया है . इससे #भाजपा व #कांग्रेस पार्टी के सम्भावित #महापौर पद के प्रत्याशी , जोकि अब #पार्षद के चुनाव लडऩे पर मजबूर हो रहे हैं , अब अपने को बेहतर और अपनी ही पार्टी के अपने विरोधी को दुष्ट व गिरा हुआ दिखाने की हर जुगत मे लगे हुए हैं । #इंसान की इस #पैंतरे बाज़ी से #आहत #बंदरों ने कल मैत्रीबाग मे कांफ्रेंस कर विकास के उस सिद्धांत को खारिज कर दिया है, जिसके अनुसार आज का #मनुष्य बंदरों से ही विकसित हुआ है। बंदरों के अनुसार #मनुष्य का पतन बताता है कि वह हमारा #वंशज नहीं हो सकता। हम न #अतीत में इतने गिरे हुए थे, न आज हैं। आज हर जगह #आतंकवाद, #झूठ, #रेप, #भ्रष्टाचार, #जिस्मफरोशी और न जाने क्या-क्या पता लगता है ? कई नेताओं के कारनामे सुनकर ही घिन आती है। #मंकी कांफ्रेंस ने इस पर नए सिरे से रिसर्च करने की जरूरत जताई है कि आखिर #मनुष्य नामक इस प्राणी का उद्गम कहां से हुआ ? #बंदरों के इस #ऐतिहासिक फैसले से #मानव समाज में #सनसनी फ़ैल गयी है। अनेक वैज्ञानिकों ने अभी से वापस खोज करना चालू कर दिया है कि आखिर हम बन्दर के नहीं तो किसके वंशज हैं ? एक #वैज्ञानिक ने बंदरों की इस बात की सत्यता #चेक करने अनेक जानवरों से #गुण मिलाने का तय किया। गुण मिलाने गया तो चकित रह गया ? उसे आदमी में लोमड़ी सी चतुराई , भेडिय़े सी चालाकी , अजगर सी गड़प करने की #क्षमता , #सांप सा ज़हर , #भैंस सा आलस , गेंडे सी मोटी चमड़ी , केंचुए सी रीढ़ की हड्डी , सूअर सी फितरत इत्यादि मिले। वह जिस #जानवर के #दुर्गुण देखता वह किसी ना किसी आदमी में ज़रूर मिलता था। परन्तु एक चीज़ उसे ना #बन्दर और ना ही अन्य किसी भी #जानवर में मिली, वह थी किसी भी जानवर में #वंशवाद , #जातिवाद और धार्मिकता का अंधापन नहीं था। उस #वैज्ञानिक ने #सर्टिफिकेट दे दिया कि #आदमी बन्दर का वंशज नहीं हो सकता है। मैंने पत्रकार माधो को यह दुविधा सुनाई तो पत्रकार माधो बोले , हो सकता है , किसी भ्रष्ट ग्रह से कोई एलियन ग्रुप हनीमून मनाने , पीके की तरह , पृथ्वी पर आया हो और उनका वापसी वाला #रिमोट खो गया हो। हम सब उन्हीं के वंशज हों। अब वैज्ञानिक उस दिशा में भी #रिसर्च कर रहे हैं। मैं खुद भी इस #कॉन्सेप्ट से हैरान हूँ। आप लोगों की क्या #राय है ?
#मधुर चितलांग्या, संपादक, #पूरब टाइम्स, #भिलाई
डोनाल्ड ट्रम्प ने खुद को साबित किया सबसे बड़ा लबाड़ ( झूठा) , मोदीजी सहित पूरा भारत हैरान
सचमुच डोनाल्ड ट्रम्प झूठों का बादशाह है .होशियार बिल्ली की तरह भारत और पाकिस्तान के कंधों पर , अलग अलग समय हाथ रखकर, होशियारी दिखाते हुए अपने को फिर मध्यस्थ ( आर्बिट्रेटर) बनवाने का दांव चला , तो उधर अपने अगले चुनाव में अमेरिकन भारतीयों के वोट पाने के लिये भारतीयों के सबसे बड़े हितचिंतक दिखाने की कोशिश की . ह्यूस्टन शो के बाद भारत में लोग बम-बन थे कि मोदीजी ने पाकिस्तान के खिलाफ कैसी कूटनीतिक सर्जिकल स्टाइक कर दिखाई . अब इमरान खान क्या खाकर, डोनाल्ड ट्रम्प के आगे रोना रोयेंगे लेकिन अगले 24 घंटे में ही ट्रम्प ने पल्टी मारते हुए न्यूयॉर्क में इमरान खान से मुलाक़ात के बाद बताया कि पाकिस्तान के दोस्त हैं और प्रधानमंत्री इमरान खान महान नेता हैं . फिर भारत की दो टूक इच्छा व स्टैण्ड के बावजूद वह वापस बोले , कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान में सुलह कराने के लिये तैयार, इच्छुक और समर्थÓ हूं . यदि मैं मदद करूं, मैं ज़रूर मदद करूंगा .. यदि भारत और पाकिस्तान दोनों ने चाह तो मैं तैयार हूं . मेरे प्रधान मंत्री मोदी से अच्छे संबंध हैं . मेरे प्रधानमंत्री इमरान खान से अच्छे संबंध हैं .. मैं बहुत ही अच्छा पंच हौंगा .. मैं कभी भी बतौर आर्बिट्रेटर फेल नहीं हुआ हूं .Ó ट्रंप ने ये तमाम बातें इमरान खान से बातचीत के बाद उनके साथ प्रेस ब्रीफिंग में कहीं। जाहिर है मीडिया को, दुनिया को राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल के दो महीने में तीसरी बार बताया है कि कश्मीर का मसला पेचीदा है और वे इस मामले में पंचायत करते हुए मध्यस्थता चाहते हैं। इतना ही नहीं डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका-पाकिस्तान के रिश्तों में पाकिस्तान को नया सर्टिफिकेट देते हुए कहा कि बेचारे पाकिस्तान के साथ उनके पूर्ववर्ती राष्ट्रपतियों ने बहुत अन्याय किया। मेरी स्थिति में रहे लोगों ने पाकिस्तान के साथ बहुत बुरा किया....। मैं पाकिस्तान पर भरोसा करता हूं लेकिन मेरे पूर्ववर्तियों ने नहीं किया और वे नहीं जानते थे कि वे क्या कर रहे हैं!Ó हां यह भी ध्यान रहे वह ईरान जो इस्लामी देशों की बिरादरी में भारत का ज्यादा मददगार रहा है। जिससे ट्रंप प्रशासन के दबाव में पहली बार भारत ने पूरी तरह तेल खरीदना हाल में बंद किया है। भारत ने अमेरिका को खुश करने के लिए ईरान से दोस्ती घटाई लेकिन बदले में नई हकीकत देखिए कि उस ईरान से बात करने के लिए सोमवार को ट्रंप ने इमरान खान से अनुरोध किया। हां, ट्रंप की तरफ से इमरान खान ईरान से बात करने को अधिकृत हुए हैं। ट्रंप ने सोमवार को इमरान खान से कहा कि तुम अमेरिका-ईरान रिश्तों के बीच मध्यस्थ बनो। बकौल पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी अमेरिकी राष्ट्रपति ने अमेरिका-ईरान के रिश्तों में गतिरोध खत्म कराने के लिए इमरान खान को अधिकृत किया। ह्यूस्टन के स्टेडियम में हुंकारों, आक्रामक तेवरों के बीच मंच पर ट्रंप की लफ्फाजी को देख सवा सौ करोड़ भारतीय जनता गदगद हो गई थी लेकिन अब उसका मुखौटा उतर गया है. मोदीजी ऐसे दोस्त से सावधान रहें !
मधुर चितलांग्या, संपादक, पूरब टाइम्स, भिलाई