सांसदों से जुड़े 5000 केस पेंडिंग हैं तो क्या...' केजरीवाल की जमानत पर क्या थी SC की राय, जिसका तुषार मेहता ने किया विरोध
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. सुनवाई के दौरान एक मौका ऐसा भी आया जब ईडी ने केजरीवाल के लिए अंतरिम जमानत पर सुनवाई करने की शीर्ष अदालत की राय का विरोध किया और कहा कि अदालत नेताओं के लिए अलग श्रेणी नहीं बना सकती.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ईडी की ओर से कहा, “देश में इस समय सांसदों से जुड़े करीब 5,000 मामले लंबित हैं, तो क्या उन सभी को जमानत पर छोड़ दिया जाएगा? क्या एक किसान का महत्व किसी नेता से कम है जिसके लिए फसलों की कटाई और बुवाई का मौसम है?”
शीर्ष अदालत ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी को असाधारण परिस्थिति बताया क्योंकि लोकसभा चुनाव हो रहे हैं. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि केजरीवाल आदतन अपराधी नहीं हैं. केजरीवाल को इस मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और वह न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं.
उन्होंने कहा, “वह दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और एक निर्वाचित नेता हैं. चुनाव हो रहे हैं. यह असाधारण परिस्थिति है. ऐसा नहीं है कि वह कोई आदतन अपराधी हैं. हम इस बारे में दलीलें सुनने पर विचार करेंगे कि उन्हें अंतरिम जमानत पर छोड़ा जाना चाहिए या नहीं.”
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