400 प्लस का भाजपा का रथ कांग्रेस के सामने दिग्विजयी दिखता है पर कहीं क्षेत्रीय पार्टियां उसके टायर पंचर ना कर दे
गुस्ताखी माफ
400 प्लस का भाजपा का रथ कांग्रेस के सामने दिग्विजयी दिखता है पर कहीं क्षेत्रीय पार्टियां उसके टायर पंचर ना कर दे
आज पत्रकार माधो की राजनैतिक महफिल में एक पत्रकार साथी बोला, इलेक्टोरल बॉंड नाम से उफान ले सकने वाला मुद्दा , अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की गूंज में दब गया . केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग , काबिले तारीफ है . अब अच्छे अच्छे महाबली विपक्षी नेताओं के सीने में सांप लोटने लगा है जोकि अपने को आचार संहिता लगते ही साथ सरकार की एजेंसियों से सुरक्षित मानने लगे थे . इस पर दूसरा साथी बोला, यह टीम मोदी का एक और मास्टर स्ट्रोक है . देश की जनता व अन्य नेताओं को महसूस करवाना कि केवल भाजपा के नेतृत्व में, वे सुरक्षित व भ्रष्टाचार रहित हैं . अपने कर्मों व भाजपा द्वारा लगातार लगाये गये आरोपों के बोझ से कांग्रेस का डूबा हुआ जहाज , आज सतह पर आकर सत्ता पक्ष से , बराबरी से दो-दो हाथ करने की स्थिति में नहीं है . यह, भाजपा के अंध भक्तों व दूसरों पर लगातार दांत किटकिटाते भक्त लंगूरों में 400 प्लस सीटें लाने का बदगुमान पैदा करने लगा है . अब तीसरा साथी एक समझदार विष्लेषक की तरह बोला , मोदीजी के नेतृत्व में भाजपा की स्थिति बहुत बेहतर है . पर विरोधियों पर बड़े आरोप लगाकर , या तो उन्हें अपने साथ मिलने मजबूर करना या फिर सीधे जेल के अंदर करना केवल भ्रष्टाचारी नेताओं को ही नहीं डरा रहा है वरन व्यापारी वर्ग और जनता के एक बड़े तबके में डर पैदा करने लगा है कि अब केवल भाजपा के संरक्षण में ही भ्रष्टाचारी लोग उन पर राज करेंगे . इतना ही नहीं यह बदगुमान भी होने लगा है कि भाजपा की भाषा बोलेने वाले लोग व कम्युनिटी ही, देश में सुरक्षित रह पायेगी . इस सोच ने , आज की जीत के साथ , आने वाले सालों में भाजपा के सामने आने वाली मुश्किलों के बीज भी बो दिये गये हैं . अब अपनी बारी में मैं बोला, राहुल गांधी के नेतृत्व में आपसी कलह में मशगूल , बेलगाम नेताओं की बड़ी फौज लिये कांग्रेस भाजपा के सामने कहीं नहीं टिकती दिखाई दे रही है . चरमराया संगठन , आत्म विश्वास व पैसों की कमी के अलावा मोदी के सुदर्शन व्यक्तित्व के सामने निरीह महसूस करना , कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को निर्बल बना चुका है. यहां मैं यह भी कहना चाहूंगा कि अपने संगठन को फिर से मज़बूत बनाकर , अच्छी टीम बनाकर , मुक़ाबला कर, हारने की जगह , बड़े कांग्रेसी नेता चाहते हैं कि जनता खुद भाजपा से लड़े या अन्य पार्टी भाजपा से लड़कर, उनका रास्ता आसान कर दे . यह अपरिपक्व सोच है . ऐसे वक़्त में भी मोदीजी का बार – बार कांग्रेस को ललकारना, अब लोगों को हास्यास्पद लगने लगा है जिसके कारण मोदीजी की चरम प्रसिद्धि का पहिया भी नीचे की तरफ ढुलकने लगा है . अंत में पत्रकार माधो बोले, चक्रवर्ती सम्राट को भी अपने सिंहासन को बचाये रखने के लिये अनेक बातों व मर्यादाओं का पालन करना पड़ता था . यह बात तय है कि अनेक भाजपाइयों व भाजपा समर्थकों के द्वारा फैलाई गई नफरत व डर का लाभ, छोटी छोटी क्षेत्रीय पार्टियों को मिलने लगेगा . ये ही पार्टियां , आपस में एका बनाकर भविष्य में भाजपा की नकेल कस दें तो कोई बड़ी बात ना होगी .
इंजी मधुर चितलांग्या ,संपादक , दैनिक पूरब टाइम्स
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