पूरब टाइम्स,दुर्ग। अच्छी नौकरी के झांसे में कोरबा से दुर्ग आए युवक को अमानवीय व्यवहार सहन करने को मजबूर होने पड़ा जिसकी शिकायत आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने दर्ज करवाई मामला यह है की कोरबा निवासी एक युवक ने दुर्ग जिले के मोहन नगर थाना क्षेत्र में स्थित शंकर नगर में एक युवक प्रदीप कुमार आयाम कंपनी में काम की जानकारी मिलने पर काम करने आया था.उसे काम पर रखते समय बताया गया था कि डिटर्जेंट पाउडर बेचने का कार्य करना बताया जा रहा है कि विगत दो माह पूर्व वह दुर्ग आया था और उसको काम पर रखने वाले लोगों द्वारा विपरीत अमानवीय तरीके से काम लिए जाने से त्रस्त और हतास हो चुका है।

श्रम कानून के दृष्टिकोण से बेहद गंभीर है कोरबा के युवक का अपराध
व्यथित युवक के मुताबिक कंपनी ने काम पर रखने के बाद उसे वे सुविधाएं नहीं दी गई. जिसको देने का आश्वासन काम पर रखने के समय नियोक्ता ने दी थी उल्लेखनीय है की पीड़ित युवक द्वारा बार-बार अपने नियोक्ता से शिकायत करने के बाद भी उसके नियोक्ता ने उसकी समस्या का समाधान नहीं किया और उसकी जानकारी मे यह नहीं आया की उसकी सुविधाओं का इंतजाम किसको करना है. पैसे और खाने-पीने का सामान नहीं होने साथ साथ मालिक द्वारा दो माह का वेतन भी नही दिया गया. इसलिए वह पिछले एक हफ्ते से दुर्ग में भूखा-प्यासा घूमता रहा।

कौन है जिसने युवक को बंधक बनाने जैसा व्यवहार किया और आधारभूत सुविधाओं से वंचित किया
युवक ने बताया कि एक दोस्त के द्वारा बताया गया था कि दुर्ग जिले में DMT ट्रेनिग कंपनी में सेल्स मेंन कि आवश्यकता है। पिछले दो माह पहले दुर्ग आया था। सेल्स मेन के रूप में रोजाना आठ घंटे काम करने की बात कही गई थी लेकिन इसके विपरित रोजाना 12 से 14 घंटे काम करने को वह मजबूर था पीड़ित युवक दीपक का कहना है कि गली मोहल्ले में पैदल डिटर्जेंट पाउडर बेचने का कार्य करने के लिए भेजते थे।

दो माह की तनख्वाह भी नही दी गई। साथ ही रोजाना 14 घंटे काम लेते हुए मारपीट व प्रताड़ित भी किया जाने लगा. जिसके बाद उसने अपने सामाजिक लोगों से अपनी समस्या बताई और उनकी मदद से दुर्ग स्थित मोहन नगर थाने पहुचा और वहां उसने अपनी लिखित शिकायत दर्ज कराई.